भारत-बांग्लादेश क्रिकेट मैच का Yeti Narasimhanand ने किया विरोध, कहा- बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हुई
Yeti Narasimhanand: भारत और बांग्लादेश के बीच 9 अक्टूबर को दिल्ली में एक टी-20 मैच खेला जाना है, लेकिन इस मैच के आयोजन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शिव शक्ति धाम, दासना (गाजियाबाद) के महंत और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने इस मैच का विरोध किया है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हो रही है और भारत सरकार बांग्लादेश की क्रिकेट टीम को यहां बुलाकर मैच खेलवा रही है। उनका यह बयान हिंदू समुदाय के एक बड़े हिस्से के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
यति नरसिंहानंद का क्या कहना है?
गाजियाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यति नरसिंहानंद ने साफ तौर पर इस मैच का विरोध किया और कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या की जा रही है और हमारे देश में उसी देश की क्रिकेट टीम को बुलाकर सम्मान दिया जा रहा है। नरसिंहानंद ने कहा, “यह हमारे लोगों (हिंदुओं) की हत्या का अपमान है, फिर भी हमारी सरकार बांग्लादेश को यहां बुलाकर क्रिकेट खेलवा रही है।”
बांग्लादेशी खिलाड़ियों को कोई डर नहीं
नरसिंहानंद ने अपने बयान में यह भी कहा कि बांग्लादेशी खिलाड़ियों को यहां आकर कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा, “यहां कोई बांग्लादेशी खिलाड़ी नहीं कह रहा कि हमने इतने हिंदुओं को मारा, फिर भी हमें दिल्ली में कोई पत्थर नहीं मारेगा। वे हमारे फाइव-स्टार होटलों में ठहरे हैं, हमारी बहनें-बेटियां उन पर फूल बरसा रही हैं, हमारे लोग उनका स्वागत कर रहे हैं और दुनिया इसका मजा ले रही है। यह हम हिंदुओं का काम है।”
बांग्लादेश में हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (UNHRC) ने हाल ही में एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि बांग्लादेश में 16 जुलाई से 11 अगस्त तक की अशांति में लगभग 650 लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट में बांग्लादेश में हुए इन हत्याओं के मामलों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की गई है। इसके साथ ही, वहां की पुलिस द्वारा की गई कथित गैर-न्यायिक हत्याओं, मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और हिरासत में लिए गए लोगों की जांच की सिफारिश भी की गई है।
खेल और राजनीति का मिश्रण
यह पहली बार नहीं है जब खेल आयोजनों को राजनीतिक मुद्दों से जोड़कर देखा जा रहा है। पहले भी भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैचों पर कई बार विरोध हुआ है। यति नरसिंहानंद के इस बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या खेल को राजनीतिक और धार्मिक घटनाओं से अलग रखा जाना चाहिए या फिर इन आयोजनों को भी उन देशों की राजनीतिक स्थिति के अनुसार तय किया जाना चाहिए?
भारत और बांग्लादेश के संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंध काफी पुराने हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामाजिक संबंध भी हैं, लेकिन हाल के वर्षों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई हिंसा ने भारत के कई धार्मिक संगठनों में नाराजगी पैदा की है।
यति नरसिंहानंद जैसे हिंदू संगठनों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं और भारत को इसका विरोध करना चाहिए, न कि ऐसे देशों के साथ खेल संबंध बनाना चाहिए जहां अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हो रही हो।
क्या खेल के जरिए संबंध सुधार सकते हैं?
कुछ लोगों का मानना है कि खेल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से देशों के बीच संबंधों को बेहतर किया जा सकता है। वे इसे राजनीति से दूर रखने की वकालत करते हैं। क्रिकेट जैसे खेल न केवल दोनों देशों के खिलाड़ियों को एक मंच पर लाते हैं, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक मेलजोल को भी बढ़ावा देते हैं।